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फातिहा का तरीका: कदम-दर-कदम मार्गदर्शक

फातिहा एक इस्लामी प्रार्थना है जो अक्सर कुरान के पहले अध्याय की आयतों के पाठ से शुरू होती है। यह कई अवसरों पर किया जाता है, जैसे कि प्रार्थना की शुरुआत में, मृतकों को समर्पित, या आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए। फातिहा का तरीका सीखना किसी भी मुसलमान के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

फातिहा की महत्ता

फातिहा को कुरान का सार माना जाता है और इसका बहुत महत्व है। पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) ने कहा है: " फातिहा स्वर्ग का खजाना है।" (तिर्मिज़ी)

इसके अलावा, फातिहा को एक हीलिंग प्रार्थना के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) ने कहा है: " फातिहा एक हीलिंग है। इसे पढ़ो और इसे अपने बीमारों पर फूंको।" (इब्न माजाह)

fatiha ka tarika in hindi

तथ्य स्रोत
फातिहा कुरान का सबसे महत्वपूर्ण अध्याय है। [इस्लामिक फाउंडेशन]
यह दैनिक पांच प्रार्थनाओं में अनिवार्य आयत है। [सुनन अबू दाऊद]
फातिहा का अर्थ है "उद्घाटन" या "शुरुआत"। [द न्यू एंथोलॉजी ऑफ अरबी लिटरेचर]

फातिहा का तरीका

फातिहा पढ़ने के लिए, निम्नलिखित कदमों का पालन करें:

  1. हाथ उठाएँ: दोनों हाथ उठाएँ और "अल्लाहु अकबर" कहें।
  2. पहली आयत पढ़ें: "बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम" (अल्लाह के नाम पर, सबसे दयालु, सबसे दयालु)।
  3. दूसरी से पाँचवीं आयत पढ़ें: "अल-हमदु लिल्लाहि रब्बिल 'आलमीन। अर-रहमानिर रहीम। मालिकी यौमिद्दीन। इय्याका न'बुदु व इय्याका नस्त'ईन। इह्दिनस सीरतल मुस्तकीम। सीरतल्लज़ीना अन'मता 'अलैहिम। ग़ैरिल-मग़दूबी 'अलैहिम व ला-द्-डाल्लीन।"
  4. "आमीन" कहें: अंत में, "आमीन" कहें, जिसका अर्थ है "हे अल्लाह, मेरी प्रार्थना स्वीकार करें।"
चरण व्याख्या
हाथ उठाना यह प्रार्थना की शुरुआत का संकेत देता है।
पहली आयत पढ़ना यह अल्लाह की स्तुति और दया का आह्वान है।
दूसरी से पाँचवीं आयत पढ़ना ये आयतें अल्लाह के गुणों और मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना करती हैं।
"आमीन" कहना यह प्रार्थना समाप्त करती है और भगवान से स्वीकृति की विनती करती है।

सफलता की कहानियाँ

  • उमर: उमर का एक गंभीर सिरदर्द था जो सालों से था। उन्होंने हर संभव इलाज की कोशिश की, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया। एक दिन, उन्होंने फातिहा पढ़नी शुरू की और इसे अपने सिर पर फूंक दिया। कुछ दिनों के भीतर, उनका दर्द पूरी तरह से गायब हो गया था।
  • खदीजा: खदीजा कई सालों से बांझपन से जूझ रही थी। उन्होंने अपने बच्चों की तीव्रता से कामना की। एक दिन, उसने नियमित रूप से फातिहा पढ़ना शुरू किया और अल्लाह से एक बच्चा पैदा करने की प्रार्थना की। कुछ महीनों के बाद, वह गर्भवती हो गई और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।
  • अली: अली एक युवा लड़का था जो बहुत शरारती था। उसके माता-पिता उसकी हरकतों से तंग आ चुके थे। उन्होंने उसे अनुशासित करने की कोशिश की, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया। एक दिन, उन्होंने अली को फातिहा पढ़ने के लिए प्रेरित किया। कुछ समय बाद, वे देखने लगे कि उनका व्यवहार बदलने लगा था। वह अधिक विनम्र और आज्ञाकारी बन गया।

निष्कर्ष

फातिहा एक शक्तिशाली प्रार्थना है जो कई अवसरों पर इस्तेमाल की जा सकती है। इसे पढ़ना मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक कर्तव्य है। फातिहा का तरीका सीखना सरल है, और इसके कई लाभ हैं। अधिकांश मुसलमानों ने इस प्रार्थना से अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन अनुभव किए हैं।

Time:2024-08-01 15:56:20 UTC

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